October 14, 2017

तुम्हे जाना कहां था, कहां पहुँच गई? - आज की नारी के लिए बाबासाहब का आर्तनाद

तुम्हे जाना कहां था, कहां पहुँच गई? - आज की नारी का मार्ग - उनके मुक्तिदाता बाबासाहब की नजर से 

बोधिसत्व बाबासाहब डॉ आंबेडकर ने ज्ञान के शिखरों को सर कर, आजीवन संघर्ष द्वारा समग्र दबे, कुचले, शोषित व् पीड़ित समाज को सुख और शांति का कवच प्रदान किया.. समाज का महत्त्व का और अभिन्न अंग ऐसी स्त्री, जो हजारो सालो से पुरुषो की गुलामी की जंजीरों से बंधी हुई थी, उसे भी हिन्दू कोड बिल के माध्यम से मुक्त कराकर पुरुषो के समान बनाया.. लेकिन, आज ब्राह्मणवाद और ईश्वरवाद की चुंगल में फंसकर वो गुमराह हो रही है, तब बाबासाहब के आर्तनाद को वर्णन करता भंते डॉ करुणाशील राहुल जी का यह लेख स्त्रिओ को जगाने व् झंझोड़ने के लिए प्रेरणादायक साबित होगा.. 

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