October 16, 2017

हमारे जीवन आदर्श, उनके विचार, त्याग, संघर्ष, और बलिदान

बहुजन समाज का आन्दोलन सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक और आर्थिक परिवर्तन का आन्दोलन है.. परिवर्तन तभी शक्य होता है, जब जरूरियात (Need), इच्छा (Desire) और मजबूती (Strength) का सही समन्वय होता है.. 

समानता का यह आन्दोलन आज से लगभग २५०० वर्ष पूर्व महा कारुणिक तथागत गौतम बुद्ध ने शुरू किया था, जिसे संत रोहिदास, संत कबीर, राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले, राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, रामासामी पेरियार, नारायणा गुरु, विश्वरत्न राष्ट्रनिर्माता बाबासाहब डॉ भीमराव आम्बेडकर, माता रमाबाई आम्बेडकर और बहुजन नायक मान्यवर साहब कांशीराम जैसे महानायकों ने अथाग परिश्रम, त्याग, बलिदान और संघर्ष से आगे बढाया.. आज इस कारवां को हम जिस जगह देख रहे है, वह सेंकडो बहुजन महापुरुषों, माताओं और युवाओ के त्याग और संघर्ष का फल है.. 

बहुजन समाज के इस व्यवस्था परिवर्तन के मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर एक व्यक्ति, किसी ना किसी बहुजन महापुरुष को अपने आदर्श के रूप में अनुसरता है.. यह आदर्श तथागत गौतम बुद्ध, महात्मा ज्योतिबा फुले, माता सावित्रीबाई फुले, बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर, माता रमाबाई आम्बेडकर, मान्यवर साहब कांशीराम या और कोई भी सकता है.. 

यहाँ बात है आदर्श की, अपने आदर्शो के विचारो के अनुसरण की.. "जब कोई व्यक्ति किसी को अपना आदर्श मानता है और उनके जीवन के गुणों को अपने जीवन में उतारने का प्रयाश करता है, तब ही वह उसका अनुयायी कहलाता है.."

ऐसी ही एक किताब भंते डॉ करुणाशील राहुल जी ने लिखी है, बहुजन मिशन के सन्दर्भ में.. जिसमे बहुजन समाज में जन्मे माताओं और महापुरुषों के विचारो और उनके गुणों को कैसे अपने जीवन में उतारे और बहुजन आन्दोलन को आगे बढाने में कैसे अपना सहयोग दे, उसके बारे में समझाया गया है.. किताब को पढने के लिए, निचे दी गई लिंक पर क्लिक करे, खुद भी पढ़े और दुसरो को भी पढाये.. जय भीम.. 

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