November 26, 2017

भारतीय संविधान स्वीकार दिवस - २६ नवम्बर

२६ नवम्बर १९४९ को संविधान सभा के डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान देते हुए, भारतरत्न बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर

भारत देश आज़ाद होने के बाद सबसे महत्वपूर्ण और मुश्किल कार्य था देश के लिए एक संविधान का निर्माण करना, जो देश के व्यवस्था संचालन के कार्य को आसान कर सके.. इसके लिए कुछ सदस्यों की एक कमिटी की रचना की गई, जिसके हर सदस्य कोई न कोई वजह से अपना योगदान ना दे शके और संविधान बनाने की पूरी जवाबदारी सिर्फ अकेले बाबासाहब डॉ आम्बेडकर पर आ गई.. २ वर्ष ११ महीने और १८ दिवस के गहन अध्ययन और परिश्रम के बाद, २६ नवम्बर १९४९ के दिन बाबासाहब डॉ आंबेडकर ने संविधान सभा में भारतीय संविधान पेश किया.. 

विश्वरत्न बाबासाहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा 25 नवम्बर 1949 को संविधानसभा में दिए गए अंतिम भाषण में कहा था कि, "26 जनवरी 1950 को हम दोहरी जिंदगी में प्रवेश कर रहे होंगे,  जहाँ एक और राजनीतिक क्षेत्र में समानता होगी लेकिन दूसरी और सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में असमानता.. हमें जल्दी से जल्दी सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र की असमानता को दूर करना होगा.."

"मैं समझता हूँ कि संविधान चाहे जितना भी अच्छा हो यदि उसे कार्यान्वित करने वाले लोग बुरे हैं, तो वह निसंदेह बुरा ही साबित होगा.."

उतरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित डॉ आम्बेडकर पार्क में स्थित प्रतिमा,  संविधान निर्माता बाबासाहब डॉ आम्बेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारतीय संविधान सोपते हुए..

संविधानसभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 नवम्बर 1949 को संविधान को पढने के बाद विदाई भाषण करते हुए संविधान और संविधानसभा के कार्यों के बारे में कहा कि,

"इस कुर्सी पर बैठे - बैठे दिन प्रतिदिन की कार्रवाई देखते हुए मैंने जो अनुभव किया है, वह कोई भी अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता कि मसौदा समिति के सदस्यों ने और अपना स्वास्थ्य खराब होने पर भी उसके सभापति डॉ. अम्बेडकर ने कितने उत्साह और लगन के साथ कार्य किया है.. हम कोई ऐसा विनिश्चय नहीं कर सकते थे जो कभी भी इतना ठीक हो सकता था जितना कि वह जब हुआ जबकि हमने डाॅ.भीमराव अम्बेडकर को मसौदा समिति में सम्मिलित किया और उसका सभापति बनाया.. उन्होंने अपने चुनाव को ही न्याययुक्त सिध्द नहीं किया वरन जो कार्य उन्होंने किया है उसमें चार चांद लगा दिए हैं।"

इस संविधान को २६ जनवरी १९५० के दिन से देश में लागू किया गया, और उसी के साथ भारत देश प्रजासत्ताक बना.. भारत देश का संविधान हमें स्वतंत्रता, समानता, बंधुता, और न्याय का सन्देश देता है.. भारतीय संविधान की शरुवात "We the people of INDIA" यानी की "हम भारत के लोग" से होती है और संविधान के पहले आर्टिकल में ही लिखा हुआ है की, "INDIA that is BHARAT"


संविधान के आमुख की ओरिजिनल कोपी

भारतीय संविधान का आमुख, जिसकी शरुवात "हम भारत के लोग" से हुई है..

भारतीय संविधान के बारे में कुछ रोचक तथ्य : 
  • भारत के संविधान को बनाने में डॉ भीमराव अम्बेडकर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.. इसीलिए डॉ अम्बेडकर को संविधान का निर्माता कहा जाता है.
  • भारत का संविधान पूरे विश्व में सबसे लम्बा और बड़ा संविधान है.
  • भारतीय संविधान पूरा हस्त लिखित है इसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने लिखा था.
  • भारतीय संविधान को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था और इन पन्नों को सजाने का काम शांतिनिकेतन के कलाकारों ने किया था.
  • संविधान की ओरिजनल प्रतियाँ आज भी भारत के संसद में है. जहाँ इसे हीलियम के अंदर डाल कर लाइब्रेरी में रखा हुआ है.
  • भारतीय संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा.
  • हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर पूरा तैयार हो गया था लेकिन इसे सरकार ने 26 जनवरी 1950 को लागू करवाया.
  • हमारे देश को विश्व का सबसे बेहतरीन संविधान माना जाता है.
  • भारत के मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां शामिल थी.
  • जब से हमारा संविधान बना है तब से लेकर अब तक संविधान में सिर्फ 92 संविधान संशोधन हुए है जो हमारे संविधान की मजबूती को दर्शाता है.
  • भारतीय संविधान का पहला संशोधन सन 1951 में हुआ था.
  • संविधान के अनुसार – हमारे देश का अपना कोई धर्म नहीं है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.
  • संविधान के अनुसार – भारत रत्न, पद्म भूषण और कीति चक्र पुरस्कार गणतंत्र दिवस के दिन ही वितरित किये जाते है.
  • संविधान के अनुसार – स्वतंत्रता दिवस पर देश के लिए संबोधन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है वही गणतंत्र दिवस पर देश के लिए सम्बोधन राष्ट्रपति करता है.
  • भारतीय संविधान द्वारा देश के नागरिको को 6 मौलिक अधिकार दिए गये है.
भारतीय संविधान को पढने के लिए व् डाउनलोड करने के लिए निचे की लिंक पर क्लिक करे :

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